एक औरत हज़रत उमर (रदि् अल्लाहो तआला अन्हो) के पास
आई और कहा कि मेरी तेल की
शी शी ज़मीन पर
गिरी और ज़मीन ने सारा तेल
पी लिया है
आप वापिस करवा दें
आप ने एक खत लिखा और औरत को उसी जगह
रखने को कहा
औरत ने खत रखा तो तेल का चश्मा उबल पडा
औरत ने शी शी भर ली
औरत ने खत खोला तो उसमें लिखा था कि
ए ज़मीन तेल वापस कर दे वर्ना मे तेरी
जगह पे किसी बेनमाज़ी को दफ़न कर दूंगा
बे नमाज़ी के अज़ाब के डर से ज़मीन ने
तेल वापिस कर दिया
तो उनका क्या होगा
जो जानबूझकर नमाज़े कजा़ करते हैं
क्या पता आप का ये मैसेज
किसी को नमाज़ी बना दे
आमीन.....
Zaroor pade mashallah
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