Saturday, 12 March 2016

वाह रे जमाने तेरी हद हो गई,

�� वाह रे जमाने तेरी हद हो गई, ����
�� बीवी के आगे माँ रद्द हो गई !��
�� बड़ी मेहनत से जिसने पाला,��
�� आज वो मोहताज हो गई !��
�� और कल की छोकरी, ��
�� तेरी सरताज हो गई !��
�� बीवी हमदर्द और माँ सरदर्द हो गई !��
�� ��वाह रे जमाने तेरी हद हो गई.!!����

�� पेट पर सुलाने वाली, ��
�� पैरों में सो रही !��
�� बीवी के लिए लिम्का,��
�� माँ पानी को रो रही !��
�� सुनता नहीं कोई, वो आवाज देते सो गई !��
�� वाह रे जमाने तेरी हद हो गई.!!����

�� माँ मॉजती बर्तन, ��
�� वो सजती संवरती है !��
�� अभी निपटी ना बुढ़िया तू , ��
�� उस पर बरसती है !��
�� अरे दुनिया को आई मौत, ��
�� तेरी कहाँ गुम हो गई !��
����वाह रे जमाने तेरी हद हो गई .!!����

��अरे जिसकी कोख में पला, ��
�� अब उसकी छाया बुरी लगती,��
�� बैठ होण्डा पे महबूबा, ��
�� कन्धे पर हाथ जो रखती,��
��वो यादें अतीत की, ��
�� वो मोहब्बतें माँ की, सब रद्द हो गई !��
����वाह रे जमाने तेरी हद हो गई .!!����

�� बेबस हुई माँ अब, ��
�� दिए टुकड़ो पर पलती है,��
��अतीत को याद कर, ��
�� तेरा प्यार पाने को मचलती है !��
�� अरे मुसीबत जिसने उठाई, वो खुद मुसीबत
हो गई !��
�� ��वाह रे जमाने तेरी हद हो गई .!!����

�� मां तो जन्नत का फूल है,����
प्यार करना उसका उसूल है ,��
��दुनिया की मोह्ब्बत फिजूल है ,��
�� मां की हर दुआ कबूल है ,��
�� मां को नाराज करना इंसान तेरी भूल है ,��
�� मां के कदमो की मिट्टी जन्नत की धूल है ,❤️
��अगर अपनी मां से है प्यार तो ��
�� अपने सभी दोस्तो को सेन्ड करे वरना ,��
�� ��ये मेसेज आपके लिये फिजूल है.����

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