सातवें वेतन आयोग की बल्ले बल्ले, बजट में मिले 70000 करोड़
Navbharat Times07 Mar. 22:09
नई दिल्ली
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को अमल में लाने के लिए 2016-17 के बजट में 70,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्रालय के एक टॉप अधिकारी ने यह जानकारी दी। हालांकि, बजट में इसके आंकड़ों के बारे में कोई जिक्र नहीं किया गया है, लेकिन सरकार का कहना है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक बढ़ोतरी को इसमें शामिल किया गया है।
सरकार का कहना है कि विभिन्न मंत्रालयों के लिए अंतरिम आवंटन और बजट के आंकड़े विश्वसनीय हैं। यदि सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को जस का तस लागू करती है तो उस पर 1.02 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। अधिकारी ने बताया कि सातवें वेतन आयोग के लिए बजट में करीब 70,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा, 'जितना बोझ पड़ने की चर्चा हो रही है, हमने उसमें से 60 से 70 प्रतिशत तक का प्रावधान किया है।' उन्होंने कहा, 'हमें सातवें वेतन आयोग पर सचिवों की समिति की सिफारिशों का इंतजार है। उसके बाद हम फैसला करेंगे कि और आवंटन करना है या नहीं।'
बजट दस्तावेज में कहा गया है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को 1 जनवरी, 2016 से लागू किया जाना है। इसके 2016-17 के वित्त वर्ष में लागू किया जाएगा। इसके अलावा रक्षा सेवाओं के लिए वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) योजना को भी लागू किया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने इसके लिए प्रावधान व्यक्तिगत विभागों और मंत्रालयों के लिए अनुदान मांगों में किया है। इन्हें आवंटन में समाहित किया गया है।
अधिकारी ने कहा कि कोई नहीं जानता कि वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने से सरकार पर कितना बोझ पड़ेगा। हमने इसकी आंतरिक स्तर पर गणना की है और उसी के हिसाब से मंत्रालयों और विभागों को आबंटन किया है।
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