Tuesday, 1 March 2016

Massage for All Muslims

मुसलमानो तुम्हारी पहचान ही क्या रह गयी है
〰 जरा दिल सें पढना〰������

��न जिस्म पर इस्लामी लिबास ,
��न चेहरे पर सुन्नते रसूल ,
��न सरो पर अमामा शरीफ
��जेब में सब कुछ लेकिन टोपी नही,
��मिस्वाक नही,
��गुनाह कर करके
��झूट बोल बोल के
��नमाज़े क़ज़ा कर करके
��नाजाइज़ लुक़मा खा खा के
चेहरे की वो नूरानियत भी जाती रही
��जो हुज़ूर صلى الله عليه وسلم  के सदक़े में अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त ने मुसलमानो को अता की थी.

✒अब सुने आगे.
��कभी गौर किया इस बात पर कि हम रोज़ाना सफर करते है
��ख़ुदा न ख़्वास्ता अकेले में मौत आ जाए अटैक ,एक्सीडेंट, और हम घर से दूर इंतिक़ाल कर गए मुझे बताओ हमें कैसे पहचानेंगे पोलिस डॉ और लोग ...???
�� क्यूंकि कोई निशानी तो थी नही अब कैसे पता लगाये की मरा हुवा इंसान मुस्लमान है या गैर मुस्लिम ???
✒बढे अफ़सोस के साथ कहना पढता है कि फिर हमारी शर्मगाह को देखा जायेगा अगर खतना किया हुआ है तो मुसलमान है नही किया हुआ है तो गैर मुस्लिम ??
सोचो जिस मुसलमान की पहचान उसके चेहरे से
��उसके लिबास से
��उसकी बातो से हुआ करती थीं
��आज उसकी पहचान के लिए उसकी शर्मगाह देखी जा रही है.

��कया ये है तुम्हारी पहचान ?????
✒क्या हो गया है
ठोकरों में आ गए हो जबसे अल्लाह रसूल صلى الله عليه وسلم  से दूरी बनाई है....

जिसे देखो फालतू की फोटो ग्राफी,
��शेरो शायरी,
��लड़की बाज़ी,
��रिया कारी दिखावा
��नमाज का ठिकाना नही
✒बस यही हक़ था इस्लाम का....
��क्या हक़ अदा किया हमने अल्लाह और उसके रसूल صلى الله عليه وسلم  का ....
��कहा गयी हमारी ग़ैरत ??
��कुछ तो अपने अंदर के इंसान को झिंझोड़ो यार कब आखिर कब समझोगे यार वक़्त निकला जाता है
��हाथ से मान जाओ यार मान जाओ.....
��ये जवानी दीन के काम के लिए है बर्बादी और अय्याशी के लिए नही है
✒दोस्तो मुझ पर लाजिम हे के मै अपने आपको मुकम्मल मुसलमान बनाऊं
✒आप पर लाजिम है के आप अपने आपको मुकम्मल मुसलमान बनाओ ! इस मेसेज को अपने भाईयों तक पहुंचाओ हो सकता है कि कोई एक भाई ने भी अमल कर लिया तो निजात का जिरया बन जाए !
�� अल्लाह हम सबको अमल की तोफीक अता फरमाएे
आमीन . galti hui to maf karna.
सवाल: सबसे पहला
बादशाह कौन है जिसने
सूली की सजा दी
और किसको दी ?...

जवाब: फ़िरऔन पहला
बादशाह है जिसने हाथ
पैर काटने और
सूली की सजा दी उन
जादूगरों को जो हज़रत
मूसा
अलैहिस्सलाम पर ईमान
लाए थे |
(Khaza-E Nul Irfan,P 9,R
5)

सवाल: सबसे पहले दुनियां
में कौनसा जानवर
बीमार हुआ ?

जवाब: सबसे पहला
जानवर "शेर" बीमार हुआ
|
जो कश्ती-ए-नूह में सवार
था ये शेर पहला जानवर है
जो दुनियां
में बीमार हुआ |
अबी इब्ने हातिम की
रिवायत है कि रसूल
अल्लाह सल्ल० ने
फ़रमाया: कि हज़रत नूह
अलैहिस्सलाम जब तमाम
जानवरों को
अपनी कश्ती में सवार कर
चुके तो लोगों ने कहा कि
शेर की
मौजूदगी में बाकी
जानवर कैसे आराम से रह
सकेंगे | तब अल्लाह
पाक ने शेर पर बुख़ार डाल
दिया जिससे वह चुपचाप
बैठा रहा
इससे पहले जमीन पर ये
बीमारी नहीं थी |

सवाल: रूह कब्ज करने के
लिए "मल्कुल मौत" कितने
फ़रिश्तों को
अपने साथ लेकर आते हैं ?

जवाब: मोमिन की रूह
कब्ज करने के लिए मल्कुल
मौत अपने
हमराह "रहमत" के छ: लाख
फ़रिश्तों को लेकर आते हैं
और काफिर
की रूह कब्ज करने के लिए
छ: लाख "अजाब" के फरिश्ते
उनके
साथ होते हैं |
Allahu Akbar
(Ma'rijun Nubuwwa
Jild-3 Safa No.105)
����������������
सवाल: उस फरिश्ते का
क्या नाम है जो "कयामत"
के दिन
जमीन को बोरी की तरह
लपेट देगा ?
जवाब: उस फरिश्ते का
नाम "रियाफ़ील"
अलैहिस्सलाम है जो
कयामत के दिन तमाम
जमीन को बोरी की तरह
लपेट देगा |
(Al Ittiqan Fi Ulumul
Quran Jild -1 Safa No.
60)
��������������
सवाल: वह कौनसा
फरिश्ता है जिसके माथे
पर पूरा "कुरआन"
लिख दिया गया है?
जवाब: वह हज़रत
इस्राफील अलैहिस्सलाम
हैं जिनकी पेशानी
पर पूरा कुरआन लिख
दिया गया है |
(Tafseer Naimi Jild-2
Safa No. 309)
����������������
सवाल: वह कौनसा
फरिश्ता है जो कयामत के
दिन लोगों को
मैदाने महशर की तरफ
बुलाएगा ?
जवाब: वह हज़रत
इस्राफील अलैहिस्सलाम
हैं बअज ने कहा है कि
निदा तो हज़रत
जिब्रील अलैहिस्सलाम
देंगे और सूर हज़रत
इस्राफील अलैहिस्सलाम
फूकेंगे |
(Savi Jild - 3 Safa No. 65)
��������������
सवाल: जन्नत के खजीन
फरिश्ते का क्या नाम है ?
��������������
जवाब: जन्नत के खजीन
फरिश्ते का नाम
"रिजवान"
अलैहिस्सलाम है |
��������������
सवाल: दोजख के खजीन
फरिश्ते का क्या नाम है ?
जवाब: दोजख के खजीन
फरिश्ते का नाम
"मालिक"
अलैहिस्सलाम है |
(Al Ittiqan Fi Ulumul
Quran Jild-1Safa No. 60)
����������������
सवाल: कयामत के दिन यह
भी पूछा जायेगा कि
अपनी
उंगलियों के नाम बताओ ?
जवाब: अपने हाथ की
छोटी उंगली से शुरू करें --
(1) आमीन
(2) अमानत
(3) जन्नत
(4) शहादत
(5) फ़र्ज
पाँच जगहों पर हंसना
पच्चीस गुनाहों के
बराबर है ---
(1) कब्रस्तान में
(2) जनाजे के पीछे
(3) मजलिस में
(4) तिलावत-ए-कुरआन में
(5) मस्जिद में
अच्छी बातों को फैलाना
सदका जारिया है --
तीस लाख नेकिया लिख
दी जाती हैं कयामत के
दिन तो
इन्सान एक-एक नेकी के
लिए तरसेगा जब तक यह
मैसेज आगे बढ़ता
रहेगा लोग इसे पढ़ते रहेंगे
तो भेजने वालों को
सवाबदारैन हासिल
होता रहेगा |
एक छोटी सी बात जिसकी बहुत भारी सोच
आप डेली अपने मोबाईल का whtsapps खोलते
हो की आप के दोस्तों ने कोनसे massage भेजे है ।
लेकिन क्या आप कभी डेली "कुरान" खोलते है , के मेरे
रब ने मेरे लिए क्या massage किया है
NOTE:- अगर massage अच्छा लगे तो...
अल्ल्लाह के वास्ते दुसरो को सेंड कर

No comments:

Post a Comment