Wednesday, 2 March 2016

Aatma Chintan

आज लोगों में पर्यावरण और स्वास्थ को लेकर जागरुकता काफी बढ़ गई है, जिससे जैविक खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है। आज लोग स्वस्थ रहने के लिए ऑर्गेनिक फूड को ज्यादा पसंद कर रहे हैं।ठंड की सब्जियों को जैविक खेती द्वारा उगाया जा सकता है। यह बहुत आसान होता है और इसे छोटे बड़े दोनों ही स्तर पर किया जा सकता है। आइए हम आपको बताते हैं कि आप जैविक रूप से कैसे ठंड की सब्जियों को उगा सकते हैं-
जैविक तरीके से ऐसे उगाएं ठंड में सब्जियां
1. सही फसल का चुनाव करें- विश्व के हर हिस्से में अलग-अलग ठंड पड़ती है। कुछ हिस्सों में जहां कड़ाके की ठंड पड़ती है, वहीं कुछ हिस्सों में बहुत ज्यादा सर्दी नहीं पड़ती है। इसलिए जब भी ठंड की सब्जियों को जैविक रूप से उगाने के बारे में सोचें तो पहले यह पता कर लें कि आपके द्वारा चुनी गई सब्जियां उस हिस्से के तापमान में जीवित रह पाएंगी या नहीं। हर सब्जी अलग-अलग तापमान में जीवित रहती हैं। उदाहरण के लिए प्याज में ठंड सहने की अद्भुत क्षमता होती है। यह -18 डिसे पर भी उग सकती है।
2. रोटेशन पॉलिसी को अपनाएं- जैविक खेती का एक अहम पहलू यह है कि आप फसल को बदल-बदल कर लगाएं। जब एक ही फसल को बार-बार लगाया जाता है, तो मिट्टी की उर्वरता कम हो जाती है। साथ ही फसल बदलने से बीमारी से नुकसान भी कम होता है। आपको हर सीजन में फसल बदल देनी चाहिए।
3. सर्द हवाओं से बचाएं- ठंड की सब्जियों को सर्द हवाओं से बचाने की जरूरत होती है। इसके लिए आप हवा की दिशा में पेड़-पौधों का इस्तेमाल अवरोध के रूप में करें। आप चाहें तो इसके लिए झाड़ियों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही पौधों को इस तरह से लगाएं ताकि घर की दीवार सर्द हवाओं से बचाने में मदद करे। पर ध्यान रहे, अवरोध का इस्तेमाल सिर्फ हवाओं से बचाने के लिए होना चाहिए। ऐसा न हो कि सूरज की रोशनी में बाधा पहुंचने लगे।
4. प्राकृतिक खाद का इस्तेमाल करें- जैविक खेती में प्राकृतिक खाद और कीटनाशक का इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह की खेती में रसायनिक कीटनाशक और खाद का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, जिससे न सिर्फ मिट्टी को नुकसान पहुंचता है, बल्कि इसकी उर्वरता भी कम होती है। इसलिए जैविक खेती में हमेशा खाद के तौर पर पशुओं का बचा हुआ भोजन, पशुओं का मल और दूसरे पौधों के अपशिष्ट आदि का इस्तेमाल करना चहिए। इन खादों का पर्यावरण पर बुरा असर नहीं पड़ता है और साथ ही पौधों के लिए ये काफी फायदेमंद होते हैं। इसी तरह जहरीले रसायन की जगह प्राकृतिक कीटनाशक का इस्तेमाल करना चाहिए।
5. मल्चिंग और मम्पोस्टिंग- जैविक खेती में मल्चिंग और कम्पोस्टिंग का भी विशेष महत्व है। मल्चिंग में सब्जियां उगाने से पहले सड़ी-गली घास फूस की एक पतली परत बिछाई जाती है। यह माइक्रो आर्गनिज्म को बढ़ाता है, जो पौधों के विकास के लिए काफी फायदेमंद होता है। साथ ही यह ठंड के समय पौधों को गर्म भी रखता है। इसी तरह पौधों के विकास को बढ़ावा देने के लिए कम्पोस्ट का इस्तेमाल भी जैविक खेती का अहम हिस्सा है। कम्पोस्ट एक तरह का प्राकृतिक खाद है, जो पौधों के अपशिष्ट, पशुओं के मल और दूसरे जैविक जीचों से तैयार किया जाता है।
ये कुछ बातें थी जो ठंड में सब्जियों को जैविक रूप से उगाने में कारगर साबित होंगी। जैविक खाद्य पदार्थ परंपरागत तरीके से उगाए गए खाद्य पदार्थो की तुलना में ज्यादा पौष्टिक और स्वादिष्ट होते हैं।
��healthy morning ��

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